atul subhash modi कहता है कि जो मेरी लाश हो उस लाश को मेरी पत्नी से बहुत दूर रखना उसे पास भी मत फटकने देना साथ ही वह यह भी कहता है कि अस्थियों को तब तक विसर्जित ना किया जाए जब तक इंसाफ ना मिल जाए यदि इंसाफ ना मिले तो फिर मेरी उन अस्थियों को जिस अदालत के सामने केस की सुनवाई चल रही थी उसके उसी अदालत के ठीक सामने जो गटर होगा ना उसी गटर में विसर्जित कर देना |
atul subhash modi का 9 दिसम्बर का दिन
atul subhash modi की सच्ची घटना 9 दिसंबर 2024 की सुबह 6 बजे से शुरू हो जाती है दरअसल बेंगलुरु पुलिस कंट्रोल रूम को एक फोन पहुंचता है उसमें बताया जाता है कि एक एआई इंजीनियर है जो कि इस दुनिया में नहीं रहा उसने अपनी जान दे दी है जैसे ही ये सूचना मिलती है पुलिस तत्काल प्रभाव से मौके पर पहुंचती है वहां जाकर देखती है कि मंजूनाथ लेआउट स्थित डेल्फिनियम रेजिडेंसी में उसका एक कमरा होता है तो वहां पर जब पुलिस पहुंचती है तो सैकड़ों की संख्या में लोग पहले से ही मौजूद थे तत्काल प्रभाव से उसके शव् को कब्जे में लिया जाता है कब्जे में लेने के बाद पोस्ट माडम के लिए भेज दिया जाता है अब पुलिस यह पता कर रही थी कि आखिरकार यह मरने वाला है कौन दरअसल उसका नाम होता है अतुल सुभाष मोदी जो कि बेंगलुरु में रहकर इंजीनियरिंग की नौकरी कर रहा था उसी से वहीं से अपने घर परिवार को भेजता था लेकिन पुलिस ने जांच पड़ताल करना शुरू किया कि आखिरकार उसने ऐसा कदम क्यों उठाया तो पता चलता है कि 84 मिनट का एक वीडियो है साथ ही 24 पन्नों का उसने पत्र लिखा है जिनके माध्यम से पूरी कहानी उसने बयां की थी लोग सोचने पर मजबूर हो जाते हैं जिस जिसने कहानी सुनी उसकी आंखों में आंसू जरूर थे
atul subhash modi का जीवन परिचय
atul subhash modi बिहार का एक समस्तीपुर जिला होता है वहां का एक बैनी पूसा गाव होता है वहां का रहने वाला atul subhash modi साल 2019 में उसको मैट्रिमोनियल साइट पर एक लड़की दिखाई देती है लड़की का नाम निकिता सिंघानिया होता है निकिता सिंघानिया जो कि रोहटा जौनपुर उत्तर प्रदेश के रहने वाले होती है अच्छी खासी पढ़ी लिखी होती है उस लड़की से बातचीत का सिलसिला जब शुरू होता है तो इन दोनों की अच्छी खासी दोस्ती हो जाती है लेकिन लड़की बहुत सलीके से बात करती थी कम बात करती थी उसे ऐसा लगता था कि इतनी पढ़ी लिखी लड़की इसकी जिंदगी में आए कितनी अच्छी बात है कितनी प्यारी सी बातें करती है दोनों की बातचीत जब होती थी तभी बात बातचीत के माध्यम से पता चलता है कि जो लड़की के पिता हैं जिनका नाम मनोज कुमार सिंघानिया है अक्सर बीमार रहते हैं और फिर घर वालों का भी एक तरह से प्रेशर आने लगा कि क्यों ना इन दोनों की शादी कर दी जाए शादी अगर हो जाएगी पिता के रहते हुए तो ज्यादा बढ़िया है इसके बाद फिर दोनों परिवारों की सहमति बनती है सहमति बनने के बाद 26 अप्रैल साल 2019 को बनारस का हिंदुस्तान इंटरनेशनल होटल में atul subhash modi की शादी हो जाती है |
atul subhash modi कि शादी के बाद का जीवन
दो दिन के बाद लड़का उस लड़की को लेकर अपने साथ चला जाता है बैंगलोर में यहां से वो जाता है सीधा मोरिसस और मोरिसस में जाने के बाद दो दिन का ये टूर होता है लेकिन दो दिन के टूर में कुछ उसे अजीब सा महसूस होता है कि जो लड़की होती है या तो कहीं सामान खो देती थी सामान खो दिया उसके बाद फिर बस छोड़ दी इसी तरह की वो हरकत कर रही थी और जब जब वो ऐसी गड़बड़ी कर रही थी तब वो हंस देती थी इंजीनियर को लगता है की बड़ी अजीब सी बात है समझ में नहीं आ रही लेकिन वो अपनी पत्नी को फिर उसके बाद बेंगलोर लेके आता है और बेंगलोर लाने के बाद एक अपनी जिंदगी में मशगूल हो जाते हैं
इसी बीच में खबर आती है 17 अगस्त 2019 को उसके पापा बीमार तो चल ही रहे थे उनकी मौत हो जाती है और पापा की मौत के बाद यह सब वहां जाते ही हैं इस लड़के के पापा भी दो दिन के लिए वहां पर पहुंच जाते जाते हैं वक्त थोड़ा आगे बढ़ रहा था उसके बाद यह वापस आते हैं
atul subhash modi का दिन का 50km का सफर
जो लड़का है atul subhash modi वह अपनी पत्नी निकिता को पहले अपने ऑफिस छोड़ उसके ऑफिस छोड़ता था 13 किमी तक बाइक चलाकर उसके बाद वहां से अपने ऑफिस जाया करता था रोज का यही सिलसिला चल रहा है लगभग 50 किमी से ज्यादा का ये सफर था जो लगातार सफर वह करता था लेकिन इसी बीच में उसकी पत्नी प्रेग्नेंट हो जाती है पत्नी जैसे ही प्रेग्नेंट हो जाती है बताया जाता है कि इसी बीच में उसकी पत्नी की नौकरी चली जाती है पर इधर पत्नी की नौकरी चली जाती है
डॉक्टर के पास दिखाया जा रहा था तो डॉक्टर कहते हैं कि इनसे थोड़ा सा काम कराइए क्योंकि काम कराना जरूरी है शरीर का मूवमेंट बहुत जरूरी है लेकिन इसी बीच में मां को बुला लिया जाता है ख्याल रखने के लिए वन बीएचके का इनका फ्लैट होता है वहां बहुत ज्यादा स्पेस भी नहीं होता लेकिन फिर भी मां साथ में रहती है इसी बीच में एक नौकरानी आती है जो घर में खाना बनाने के लिए एक नौकरानी आती है जो साफ सफाई वगैरह करने के लिए आती है जिंदगी बेहतरीन चल रही है इसी बीच में बच्चा भी पैदा हो जाता है
कैसे atul subhash modi के रिश्ते टूटे |
इसी बीच में परिवार के लोगों की एंट्री भी हो जाती है लेकिन जगह घर में कम थी इसलिए परिवार के लोगों को एक होटल में ठहरा दिया जाता है यहीं से स्थिति इतनी बिगड़ने शुरू हो जाती है कि लड़की के परिवार वालों को लगता है कि हम लोगों के लिए इतनी भी जगह नहीं है कि हम लोगों को दूर रखा गया होटल में रखा गया इससे अच्छा तो हमारा घर है इस तरह की बातें लेकिन इसी बीच में जब संबंध बहुत ज्यादा अच्छे चल रहे थे तो संबंध अच्छे होने के दौरान बताया जाता है कि कुछ लाख की रकम वह लड़की अपने परिवार वालों को यानी कि अपनी मां को अपने भाई को दिलवा चुकी थी अब जैसे ये पैसे जा चुके थे तो इसी बीच में कभी ना कभी किसी ना किसी बात को लेकर तकरार होना शुरू हो जाता है जब नौकरी चली जाती है तो मां और बेटी की बहुत सारी बातें होती थी छोटी-छोटी बातें उधर वो बैठ के सीरियल देख रही है तो सीरियल देखने के बाद कहीं ना कहीं बेटी और मां के जब आपस में कम्युनिकेशन चल रहा है तो पति से कम्युनिकेशन थोड़ा कम होने लगता है किसी ना किसी बात पर विवाद किसी ना किसी बात पर झगड़े कभी सास को लेकर तो कभी खुद को लेकर जब इस तरह के विवाद चल रहे थे
atul subhash modi पर देहज केश
हालत कुछ ऐसी पैदा हो जाते है कि साल 2021 में वो वहां से चली जाती है अलग जाने के बाद 24 अप्रैल 2022 को वो जौनपुर की सदर कोतवाली में जाती है निकिता सिंह हानिया और जाने के बाद मुकदमा अपराध संख्या 115 ब 2022 आईपीसी की धारा 498 ए 323 504 506 साथ ही दहेज प्रदे प्रतिषेध अधिनियम की धारा तीन और धारा चार के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया जाता है ये पहला मुकदमा था अतुल के साथ ही उसके पिता के उसकी मां के उसके भाई के खिलाफ मुकदमा दर्ज होता है और उसके बाद तो मुकदमों की ऐसी झड़ी लग जाती है कि चाहे वो हत्या का हो हत्या मतलब कि पीछे उसके पिता बीमार रहते थे और बीमार रहने के दौरान उनकी मौत हो जाती है तो इस लड़की ने यह आरोप लगाया कि मेरे पिता की जो मौत होती है वह मेरे पति के उत्पीड़न की वजह से होती है इसलिए उनकी जान चली गई यहां भी मुकदमा हो जाता है साथ ही हत्या का प्रयास यानी कि लड़की के साथ मारपीट भी होती है पैसे के लिए उत्पीड़न कि लगातार दहेज के लिए इतना दबाब बनाया जाता है ₹ लाख चाहिए नहीं तो फिर मारपीट होती थी साथ ही लड़की के साथ अप्राकृतिक यौन संबंध भी बनाने की कोशिश की जाती थी ऐसी घरेलू हिंसा दहेज जब इस तरह की नौ एफआईआर दर्ज कर ली जाती हैं
atul subhash modi 1827 किमी का सफर
atul subhash modi 1827 किमी का सफर तय करके वो जौनपुर पहुंचता था ताकि अदालत में जो केस की सुनवाई चल रही थी बात कर सके लेकिन पता चला कि जज साहब छुट्टी पर हैं पता चला कि लड़की नहीं आई है पता चला कि किसी बात पर हड़ताल हो गई है इसी तरह से लगातार वो चक्कर पर चक्कर काटना शुरू कर देता है 2022 में पहला मुकदमा होता है और 2024 तक कुल मिलाकर नौ एफआईआर दर्ज हो जाती हैं अब हर दिन उसे किसी ना किसी परेशानी से किसी ना किसी दिक्कत से जूझना पड़ रहा था तो एक दिन कुछ ऐसा होता है कि पत्नी होती है जज साहिबा होती हैं जो फैमिली कोर्ट की जज होती हैं और इसी बीच में वो कहता है कि मैडम आप जानते नहीं कि एनसीआरबी की जो रिपोर्ट कहती है
atul subhash modi के बियान पर पत्नी के वाक्य
atul subhash modi के बियान पर पत्नी के वाक्य कि झूठे मुकद में लिखवाने पर जो पति होते हैं बड़ी संख्या में वो अपनी जान दे देते हैं तो पत्नी कह देती है तो फिर तुम पीछे क्यों हो तुम क्यों नहीं दे देते हो जब इस तरह की बात थी तो जज साहिबा जब ये बात सुन रही थी तो उसके बाद वो हंस देती हैं बजाय वो यह समझाने कि तुम इस तरह की बातें क्यों कर रही हो जज साहिबा हंस देती हैं इसी बीच में वह परेशान तो रहने लगता ही है क्योंकि बार-बार उसके चक्कर लग रहे थे वो कोर्ट से सेटलमेंट कराना चाहता था कि किसी भी तरकीब से सेटलमेंट हो जाए बात खत्म हो जाए और ये झगड़े जो बन रहे हैं वो झगड़े हो जाने दूर हो जाने चाहिए | लेकिन बात नहीं नहीं बन पाई अब सीधे-सीधे जज से बातचीत जब होती है
atul subhash modi सर से जज साहब कि माग
atul subhash modi को जज साहब से पता चलता है कि लाखों की डिमांड कर बैठती हैं वो कहां से लाए इतना पैसा पैसे ही पहले लगभग लाखो से ज्यादा तो अपने ससुराल वालों को दे ही चुका था अब इस बीच में लगातार पैसे फिर आना जाना 1800 किमी का सफर किसी से नहीं होता है लगातार जब इस तरह से चल रहा था इसी बीच सेटलमेंट वाली बात जो आती है 29 जुलाई 2024 को पति को एक आदेश किया जाता है कि आप बच्चे की परवरिश के लिए जब तक वो व्यस्क नहीं यानी कि 18 साल तक ना हो जाए तब तक 10000 प्रति माह आपको देने ही पड़ेंगे अब कोर्ट का आदेश था उसको बात तो माननी ही थी करें तो क्या करें
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atul subhash modi सर कि सास कि बाते
इधर जो बात आती है जान देने की तो कभी सास कह देती है अरे तुम्हारी तो कोई खबर नहीं आई हमने तो अखबार भी पूरा टोटल के देख लिया इस तरह की बातें जब चैट सोशल मीडिया पर वायरल होने लगती हैं तब सास का भी एक अजीब तरह का रूप सामने आता है और इसी तरह से यह 8 दिसंबर 2024 की वो रात उसने अपनी जिंदगी की उसे अंतिम रात बना लिया 9 दिसंबर 20224 को जब इस घटनाक्रम के बारे में लोगों को पता चलता है तो सोशल मीडिया पर ये पूरी कहानी वायरल हो जाती है
atul subhash modi कि दरअसल 24 पन्नों की एक कहानी थी साथ ही यह 84 मिनट का एक वीडियो होता है जिसमें छोटे से छोटे पहलुओं के बारे में उसने बातचीत की थी लोगों के समझाने की कोशिश की थी क्योंकि पुलिस से उसका विश्वास पूरी तरह से उठ चुका था जज ने जिस तरह का उसके साथ व्यवहार किया उसको लेकर वह परेशान हो चुका था तब वो ये कदम उठाने के लिए मजबूर हो जाता है विवश हो जाता है
atul subhash modi के भाई विकाश modi
अब इसी बीच में जब ये पूरी कहानी बन जाती है उसके बाद फिर लड़के का जो भाई होता है जिसका नाम विकास मोदी होता है वह बेंगलर पुलिस स्टेशन जाता है वहां जाकर एफआईआर दर्ज कराता है लड़ यानी कि जो उसकी पत्नी होती है निकिता सिंघानिया के खिलाफ सास निशा सिंघानिया के खिलाफ भाई अनुराग सिंघानिया के खिलाफ और चाचा ससुर जो होता है सुशील सिंघानिया के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो जाती है हर किसी के मोबाइल में पूरी कहानी वायरल होनी शुरू हो जाती है अब यहां से पत्रकारों का एक जमघट जाता है दो-चार पत्रकार सीधा जौनपुर के उस रोहटा इलाके में पहुंच जाते हैं जाकर वहां बातचीत करने की कोशिश कर रहे थे इसी बीच में पत्रकारों की यानी 11 दिसंबर 2024 का यह वाक्य है जैसे घंटी बजाई जाती है आवाज लगाई जाती है लेकि लेकिन ना कोई घंटी पे आता है ना ही कोई आवाज प आता है लेकिन इसी बीच में जब पत्रकारों ने कैमरा चलाना शुरू किया तो लड़का यानी कि जो साला होता है वो और साथ ही जो उसकी अतुल की सास होती है वो बालकनी से झांकते हुए डांटते हैं कि इस तरह की वीडियो बनाने की कोशिश मत करना यदि तुमने इस तरह की बात करने की कोशिश की तो अंजाम ठीक नहीं होगा अच्छा नहीं होगा
atul subhash modi के वाक्य
atul subhash modi वो कहता है कि मैं जो पैसे कमाता हूं मेरे पैसे कमाने से मेरे ही दुश्मन मजबूत हो रहे हैं इसलिए मैं अ ये सब कुछ छोड़ के जा रहा हूं ताकि मेरे परिवार के मेरे पिता मेरी मां ये सब कोई भी परेशान ना हो साथ ही वो यहां तक भी कहता है कि जज को भी इसमें कठोर कारवाई होनी चाहिए सजा मिलनी चाहिए पत्नी का भी नाम लेता है साथ ही वो अपने साले का नाम लेता है अपनी सास का भी नाम लेता है
जाते जाते atul subhash modi ने क्या कहा
atul subhash modi ने जो जाते-जाते कहा वो वाकई सबको भावुक कर गया उसकी जो कुछ अपीले थी वो अपील वाकई मैं तो यही कहूंगा कि मैं तो अतुल के साथ हूं क्योंकि अतुल ने जो कहा है कि उसका जो बेटा है वो उसके माता-पिता को मिल जाना चाहिए उसकी पत्नी शायद सक्षम नहीं है कि तब तक उसकी अस्थियों का विसर्जन नहीं होना चाहिए जब तक इंसाफ ना मिल जाए यदि इंसाफ मिल गया तो ठीक है अगर इंसाफ ना मिले तो उसी कोर्ट के सामने जो नाला या गठर में उसकी अस्थियों को बहा दिया जाए और साथ ही उसकी पत्नी उसके शरीर को छू ना सके उसकी लाश को छू ना सके
atul subhash modi के क्या सलाह दी
atul subhash modi ने पूरे हिंदुस्तान को हिला के रख दिया साथ ही कई तरह के मैसेज भी देके गई है कि जब कोई इस तरह की घटना होती है तो पुलिस प्रशासन की जिम्मेदारी बनती है कि एक-एक चीज को बारीकी से परखे दोनों पक्षों को बिठाकर जानने की कोशिश करें कौन सच बोल रहा है है कौन झूठ बोल रहा है क्योंकि वो उसके टूटने का सिर्फ एक भी यह भी कारण हो सकता है पहली एफआईआर जब दर्ज होती है एफआईआर की कॉपी जब हमारे पास हमें हमें भी मिल जाती है लेकिन हम देखते हैं उस एफआईआर कॉपी में इतनी सटीक भाषा लिखी हुई है जिससे कोई बचने की कोशिश भी करे तो शायद आसान नहीं होगा इसलिए किसी बहुत मजबूत तरीके किसी जानकार नहीं शायद ये रास्ते दिखाए होंगे यही कारण है कि एक के बाद एक नौ मुकद मेंे उसके खिलाफ दर्ज होते चले गए और वो लगातार टूटता चला गया |
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