Kanya Pujan Navratri 2025 : नवरात्रि के अंतिम दिन 5 और 6 अप्रैल को कन्या पूजन का महत्व बताते हुए इसमें 2 से लेकर के 10 वर्ष तक की कन्याओं को भोजन कराने का धार्मिक महत्व बताया गया है। शुभ मुहूर्त और चौघड़िया का टाइम भी बताया गया है, जिसमें यह पूजा की जा सकती है।

नवरात्रि के अंतिम दिन कन्या पूजन का विशेष महत्व है। यह न सिर्फ एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह समाज में नारी शक्ति के प्रति सम्मान और श्रद्धा का प्रतीक भी है। इस दिन, छोटी कन्याओं को देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतीक मानकर पूजा जाता है। उन्हें भोजन कराया जाता है, उपहार दिए जाते हैं और उनका आशीर्वाद लिया जाता है।
Kanya Pujan Navratri | कन्या पूजन का महत्व:
- देवी का आशीर्वाद: यह माना जाता है कि कन्याओं में देवी दुर्गा का वास होता है, इसलिए उनकी पूजा करने से देवी का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
- सकारात्मक ऊर्जा: कन्या पूजन से घर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और नकारात्मकता दूर होती है।
- समृद्धि और शांति: यह अनुष्ठान घर में सुख, समृद्धि और शांति लाता है।
- नारी शक्ति का सम्मान: कन्या पूजन समाज में नारी शक्ति के प्रति सम्मान और श्रद्धा की भावना को बढ़ावा देता है।
Kanya Pujan की विधि:
- कन्याओं को घर बुलाकर उनका स्वागत किया जाता है।
- उनके पैर धोकर उन्हें साफ आसन पर बिठाया जाता है।
- उन्हें माथे पर तिलक लगाया जाता है और हाथों में मौली बांधी जाती है।
- फिर उन्हें हलवा, पूरी, चने और अन्य पारंपरिक भोजन परोसा जाता है।
- भोजन के बाद, उन्हें उपहार दिए जाते हैं और उनके पैर छूकर आशीर्वाद लिया जाता है।
- कन्याओं के साथ एक छोटे लड़के को भी भोजन कराया जाता है जिसे बटुक भैरव का रूप माना जाता है।
कन्याओं की संख्या और उम्र:
- आमतौर पर, नौ कन्याओं को पूजा जाता है, जो देवी दुर्गा के नौ रूपों का प्रतिनिधित्व करती हैं।
- कन्याओं की उम्र 2 से 10 वर्ष के बीच होनी चाहिए।
- अगर 9 कन्याएं नहीं मिल पाती हैं तो 3, 5, या 7 कन्याओं को भी भोजन कराया जा सकता है।
Kanya Pujan का शुभ मुहूर्त:+

- नवरात्रि में कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त अष्टमी या नवमी तिथि को होता है।
- साल 2025 में कुछ लोग 5 अप्रैल को अष्टमी तिथि के दिन कन्या पूजन करेंगे और कुछ लोग 6 अप्रैल को नवमी तिथि के दिन कन्या पूजन करेंगे।
- शुभ चौघड़िया मुहूर्त में कन्या पूजन करना लाभदायक होता है।
Kanya Pujan | कन्या पूजन का सामाजिक महत्व:
कन्या पूजन न केवल एक धार्मिक अनुष्ठान है, बल्कि यह एक सामाजिक प्रथा भी है जो समाज में महिलाओं के प्रति सम्मान और श्रद्धा की भावना को बढ़ावा देती है। यह अनुष्ठान हमें याद दिलाता है कि महिलाओं को समाज में उचित सम्मान और स्थान दिया जाना चाहिए।
कन्या पूजन का महत्व इस बात में निहित है कि यह छोटी कन्याओं को देवी का रूप मानता है और उन्हें सम्मान देता है। यह अनुष्ठान हमें यह भी सिखाता है कि हमें सभी महिलाओं का सम्मान करना चाहिए, चाहे उनकी उम्र या सामाजिक स्थिति कुछ भी हो।
कन्या पूजन एक ऐसा अनुष्ठान है जो हमें हमारी संस्कृति और परंपराओं से जोड़ता है। यह हमें याद दिलाता है कि हमें अपनी जड़ों को कभी नहीं भूलना चाहिए और हमें हमेशा अपनी संस्कृति और परंपराओं का सम्मान करना चाहिए।
वहीं, 5 अप्रैल को शाम में 7 बजकर 28 मिनट से नवमी तिथि का आरंभ और 6 तारीख में शाम में 7 बजकर 24 मिनट तक नवमी तिथि रहेगी।
Kanya Pujan
रामनवमी के दिन यानी 6 अप्रैल को कन्या पूजन के लिए शुभ मुहूर्त
6 अप्रैल लाभ चौघड़िया 7 बजकर 40 मिनट से 9 बजकर 14 मिनट तक।
इसके बाद 6 अप्रैल को अमृत चौघड़िया 10 बजकर 49 मिनट से 12 बजकर 23 मिनट तक रहेगा।
1 thought on “Chaitra Navratri 2025 Kanya Pujan : कन्या पूजन में कितनी कन्याओं को भोजन कराना, जानें कन्या पूजन का शुभ मुहूर्त”