Diggy Subsidy Scheme: राजस्थान सरकार ने किसानों को सिंचाई की समस्या देखते हुए उनको राहत देने और खेती को सुचारु रूप से चलाने के लिए डिग्गी अनुदान योजना की शुरुआत की है। इस योजना का उद्देश्य किसानों को उनके खेतों में पानी संग्रहण के लिए डिग्गी (टैंक) निर्माण के लिए आर्थिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना के तहत अब किसानों को ₹3.40 लाख तक की सब्सिडी दी जाएगी है। अच्छी खबर यह है कि आवेदन की अंतिम तारीख को बढ़ाकर 30 जून 2025 कर दिया गया है।
Diggy Subsidy Scheme आखिर है क्या?
राजस्थान में वर्षा पर निर्भरता अधिक है, समय पर बारिश न होने से फसलें खराब हो जाती हैं। यही कारण है कि सरकार ने डिग्गी अनुदान योजना के तहत किसानों को उनके खेतों में जल संग्रहण टैंक बनाने के लिए प्रोत्साहित किया है।
इस योजना में डिग्गी निर्माण पर 75% से 85% तक की सब्सिडी दी जाती है। छोटे और सीमांत किसानों को अधिकतम ₹4 लाख तक और सामान्य किसानों को ₹3 लाख तक का अनुदान मिल सकता है।
क्या हैं? इस योजना का पात्रता मानदंड
इस योजना का लाभ वही किसान ले सकते हैं जो राजस्थान के मूल निवासी हों। साथ ही किसान के पास कम से कम 1 हेक्टेयर जमीन होनी चाहिए। योजना में सभी वर्गों के किसान आवेदन कर सकते हैं, लेकिन सब्सिडी उनकी श्रेणी के आधार पर दी जाएगी।
इसके अलावा, किसान का बैंक खाता आधार से लिंक होना अनिवार्य है और केवल वही किसान आवेदन कर सकते हैं जिनकी सिंचाई बारी स्वीकृत हो चुकी है।
योजना के आवश्यक दस्तावेज
- आधार कार्ड
- बैंक पासबुक
- खेत का नक्शा
- भूमि का राजस्व रिकॉर्ड
- राशन कार्ड
- निवास प्रमाण पत्र
- मोबाइल नंबर
- सिंचाई जल स्रोत से संबंधित दस्तावेज
ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया
किसान इस Diggy Subsidy Scheme के लिए राज किसान पोर्टल पर जाकर आवेदन कर सकते हैं:
- वेबसाइट खोलें और ‘किसान’ सेक्शन में जाएं
- सेवाएं’ में जाकर ‘डिग्गी’ पर क्लिक करें
- आवेदन करें” बटन पर क्लिक करें
- आवेदन फॉर्म भरें और दस्तावेज अपलोड करें
- सबमिट करें और आवेदन की प्रति प्रिंट कर लें
- आवेदन के बाद कृषि विभाग द्वारा सत्यापन किया जाएगा और सफल होने पर 45 दिनों के भीतर अनुदान की राशि सीधे किसान के खाते में ट्रांसफर कर दी जाएगी।
विशेष प्रावधान
सरकार ने यह भी तय किया है कि हर डिग्गी के चारों ओर दो फीट ऊंची दीवार बनाना अनिवार्य होगा ताकि दुर्घटनाओं से बचा जा सके। साथ ही चेतावनी बोर्ड लगाना भी जरूरी होगा। अनुदान मिलने के बाद डिग्गी की देखरेख पूरी तरह किसान की जिम्मेदारी होगी।